दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण को बचाने के लिए सिक्किम के माडल को अपनाने पर हुआ मंथन
-महामंडलेश्वर गिरेंद्रानंद ने कहा पर्यावरण संरक्षण को लेकर कुंभ में भी चलेगा अभियान

नई दिल्ली : दीनदयाल उपाध्याय मार्ग स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान में रविवार को फ़ोरम ऑफ ग्लोबल कल्चर एंड एनवायरमेंट की ओर से सिक्किम पर्यावरण संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह आयोजित किया गया। सिक्किम जैसे शत-प्रतिशत जैविक भोजन और वातावरण को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध राज्य है। उसी प्रकार दिल्ली एनसीआर में भी पर्यावरणीय चुनौतियों से किस प्रकार निपटा जाए? इसी विषय पर संगोष्ठी आयोजित किया गया। दिल्ली की हवा, पानी की शुद्धता अशुद्धता पर जिस प्रकार का प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है, उस पर भावी युवा वर्ग की क्या भूमिका तथा योगदान हो सकता है, जैसे विषयों पर
अपनी सक्रियता में संस्कृति और पर्यावरण के लिए प्रतिबद्धता पर चर्चा की गई। इसमें सिक्किम से डॉ. टेक बहादुर छेत्री के नेतृत्व में पच्चास युवाओं का दल पर्यावरणीय संदेश लेकर दिल्ली आया। मुख्य अतिथि महामंडलेश्वर जूना अखाड़ा श्री श्री 1008 वीरेंद्रानन्द गिरि जी महाराज ने कहा कि पर्यावरण पर सभी को चिंता करनी चाहिए। भारतीय संस्कृति और पर्यावरण एक दूसरे के साथ इस तरह से जुड़े रहे हैं कि दोनों को अलग नहीं किया जा सकता। प्रयाग महाकुंभ में पर्यावरण के विषय पर चिन्तन और मंथन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सिक्किम अखंड भारत का मूल्यवान राज्य है। इस राज्य से पर्यावरण में अनुशासन को सीखना चाहिए। इसके माडल को अपनाना चाहिए। गांधी पीस फ़ाउंडेशन के चेयरमैन कुमार प्रशांत ने कहा कि सिक्किम भले ही क्षेत्रफल में छोटा है लेकिन पर्यावरण में सीख के मामले में सबसे बड़ा है। सिक्किम से डॉ. टेक बहादुर छेत्री ने कहा कि सिक्किम को दिल्ली में सम्मान मिल रहा है। पूरे देश में सिक्किम से सीखने की बात कही जा रही है। यह सुखद है। हर छोटे बड़े क्षेत्र के लोग पूरे देश को पर्यावरण के मामले में दुनिया में नंबर वन बनाएंगे। संस्था फ़ोरम ऑफ ग्लोबल कल्चर एंड एनवायरमेंट के चेयरमैन विशाल जैन ने कहा कि दिल्ली की हवा, पानी की शुद्धता अशुद्धता पर जिस प्रकार का प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है, उसके लिए सिक्किम के माडल को अपनाया जा सकता है।
ब्रह्माकुमारी रुचि दीदी जी मैं पर्यावरण को बेहतर करने के लिए आत्मिक शुद्ध को महत्वपूर्ण बताया और युवाओं को मेडिटेशन के गुर सिखाई जिससे सभी बच्चों में नई ऊर्जा का संचार हुआ,संजय राणा ने जल बचाव पर वक्तव्य दिया। धीरज कुमार, राजवीर सिंह, अजय जैन,उमेश शर्मा, अरुण मलिक, अंकलेश्वर, मनीष, जितेंद्र, आशीष गुप्ता, निर्देश, चंदन, पवन आदि उपस्थित रहे।