मुख्यपृष्ठ

रेडियो मधुबन और स्फेरुल फाउंडेशन की पहल पर मिला जरूरतमंद महिलाओं को रोजगार

रेडियो मधुबन की 14वीं वर्षगांठ एकता उत्सव के रूप में धूमधाम से मनाई

आबू रोड। 

आदिवासी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी आजीविका  को पुनर्जीवित करने की एक अनूठी पहल के तहत ब्रह्माकुमारिज रेडियो मधुबन और स्फेरुल फाउंडेशन के संयुक्त प्रयास से “स्वयं शक्ति” कार्यक्रम शुरु कर 5 महिलाओं को रोजगार शुरू करने के लिए आवश्यक सामग्री प्रदान की गई।

कम्युनिटी रेडियो मधुबन (107.8) की 14वीं वर्षगांठ एकता उत्सव के मौके पर महिलाओं को यह रोजगार दिए गए। यह कार्यक्रम आबूरोड तलहली के ब्रह्माकुमारीज परिसर आनंद सरोवर के दिव्य अनुभूति हॉल में किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि आबू रोड एसडीएम शंकरलाल मीणा ने कहा कि रेडियो मधुबन के सहयोग से महिलाओं को स्वरोजगार मिला है यह बहुत ही सराहनीय कार्य है। रेडियो के द्वारा भारत सरकार की योजनाओं का भी लाभ दिलाया जा रहा है यह देखकर खुशी होती है। मैं खुद को भाग्यशाली समझता हूं कि जहां अंर्तराष्ट्रीय ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय का मुख्यालय है, वहां मुझे सेवा प्रदान करने का अवसर मिला है। आपको किसी तरह की कोई परेशानी है तो प्रशासन से संपर्क करें, हम आपके साथ हैं। आबू रोड तहसीलदार मंगलराम ने कहा कि रेडियो मधुबन की सेवाएं सराहनीय हैं।

महिलाओं में आ रही है जागृति-
आंतरिक सुरक्षा अकादमी के डीआईडी ने कहा कि रेडियो मधुबन महिलाओं की बेहतरी के लिए बहुत अच्छा कार्य कर रहा है। इससे महिलाओं में जागृति आ रही है। रेडियो मधुबन की टीम बहुत बेहतर कार्य कर रही है। आगे भी इसी तरह कार्य करते रहें।
मल्टी मीडिया निदेशक व अतिरिक्त महासचिव बीके करुणा भाई ने कहा कि रेडियो मधुबन सामाजिक बदलाव में बड़ी भूमिका निभा रहा है। आज रेडियो ग्रामीणों की आवाज बन गया है। यह देखकर बहुत खुशी होती है। चंडीगढ़ की बीके अनीता दीदी ने सभी को राजयोग मेडिटेशन के बारे में बताया।
आबू रोड की निर्भया स्क्वॉड सुलोचना बहन ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए राजकॉप सिटीजन एप लांच किया गया है। इसके माध्यम से कोई भी महिला अपनी शिकायत कर सकती है। राजस्थान सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए कालिका पेट्रोलिंग यूनिट का गठन किया है। इसमें चार महिलाओं को रखा गया है। यह टीम पूरे दिन शहर में स्कूल- कॉलेजों में गश्त करती है।

रेडियो से हुई ज्ञान में बढ़ोतरी-
कूपाराम भाई ने कहा कि मैं 10 साल से रेडियो सुन रहा हूं। इससे मेरे ज्ञान में बहुत बढ़ोतरी हुई है। रेडियो श्रोता कंचन भाई ने कहा कि मैं कई सालों से नियमित प्रोग्राम सुनता हूं। इसमें खासकर सुबह में आना वाला नई किरण, आशियाना, पंडिताइन आदि प्रोग्राम सुनकर बहुत ज्ञान मिलता है। इससे मेरे जीवन में काफी बदलाव आया है। आरजे स्वर्णलता बहन ने बाल कलाकारों के साथ संदेशात्मक प्रस्तुति दी।

हिंसा को नो प्रोजेक्ट से जुड़ रही हैं महिलाएं-
रेडियो में फैलोशिप कर रहीं अंकिता बहन ने कहा कि जब मैंने यहां महिलाओं की कहानी सुनी तो मुझे पता चला कि आज भी महिलाएं हिंसा को सहन कर रही हैं। रेडियो मधुबन द्वारा हिंसा को नो प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है। जिसके बहुत ही अच्छे परिणाम सामने आए हैं। कई महिलाओं ने पारिवारिक हिंसा से जुड़े अपने अनुभव हमारे साथ सांझा किए और हम लोगों ने महिलाओं की काउंसलिंग की। आज जरूरत है तो महिला, महिला का साथ दे। शामली बहन ने संगीत की प्रस्तुति दी। स्वागत भाषण रेडियो के स्टेशन हेड बीके यशवंत ने दिया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button