हम इस प्लेनेट पर मुसाफिर हैं : डॉ प्रशांत काकोड़े

इंदौर : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विद्यालय के न्यू पलासिया, इंदौर स्थित ओम शांति भवन में आज हैप्पीनेस और मेडिसिन विषय पर डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए कार्यक्रम हुआ जिसमें कैंब्रिज, लंदन से आए डॉ प्रशांत काकोड़े सर्जन (ई एन टी) ने कहा कि जीवन एक रंगमंच है जहां आने वाली मैं अदृश्य आत्मा एक मुसाफिर हूँ। जीवन में आत्मा जन्म से लेकर मृत्यु तक भ्रमण करती है और जीवन का सफर व्यतीत करती है आपने बताया कि हम इस प्लेनेट पर एक मुसाफिर बनकर आए हैं और यहां की कोई भी वस्तु हमारी नहीं है इसमें हमारा लगाव नहीं होना चाहिए, क्योंकि हम यहां के निवासी नहीं है हम यहां पर मेहमान हैं , इस अंतरिक्ष गैलेक्सी के पार निर्वाणधाम या कहे परमधाम के हम निवासी हैं जहां सुनहरा लाल प्रकाश विद्यमान है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने माना है कि पश्चात संस्कृति के कारण लोगों की जीवन शैली में परिवर्तन आ गया है इस कारण से बीमारी में दवाइयों का असर कम होता जा रहा है, वर्तमान समय आवश्यकता है कि हम हॉलिस्टिक अप्रोच को अपनाकर अपने जीवन को परिवर्तन करना होगा। विज्ञान ने भी माना है कि शरीर को चलाने के लिए लाइफ फोर्स एनर्जी कार्य करती है, हम किसी भी धर्म के हो भगवान को माने या ना माने पर हमें एक विश्वास रखना होगा कि हम एक अदृश्य मुसाफिर है इस प्लेनेट पर और जैसे एक टूरिस्ट जाता है पहाड़ों पर इंजॉय करता है घूमता है और वापस अपने घर चला जाता है ठीक उसी प्रकार हम इस जीवन में आए हैं तो हम ट्रस्टी के समान अपना व्यवहार रखें तो स्वत: लगाव नहीं रहेगा और जीवन में सुख शांति की खोज जो कर रहे हैं वह हमें स्वयं अपने अंदर खोज करनी होगी क्योंकि शांति ही उस मुसाफिर या कहे आत्मा जो अदृश्य है उसका स्वधर्म है। डॉ प्रशांत काकोड़े ने नॉर्मल सेल और कैंसर सेल की स्पष्ट व्याख्या करते हुए कहा कि नॉर्मल सेल जो ऑक्सीजन भी लेते हैं और यदि हार्ट को अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता जरूरत होती है तो नॉर्मल सेल अपनी जरूरत कम कर हार्ट को ऑक्सीजन पहुंचा देते है और कैंसर सेल केवल अपना ही सोचता है वह जितनी जरूरत है उससे ज्यादा लेने की कोशिश करता है परिणाम स्वरूप वह स्वयं तो खत्म होता ही है साथ ही बहुमूल्य शरीर को भी धीरे धीर खत्म कर देता है। ठीक इसी प्रकार हम अपने सामाजिक जीवन में अधिक चाहिए या प्राप्त करने की कोशिश ना करें जितनी जरूरत है उस अनुसार ही प्रकृति से लें, जिससे प्रकृति के साथ-साथ पर्यावरण भी अच्छा रहेगा ।
कैंब्रिज लंदन से आई सिस्टर सारा ने भी अपने अनुभव में बताया कि वे सत्य की खोज और शांति की तलाश में थी और एक दिन ब्रह्माकुमारीज के कैंब्रिज सेवा केंद्र पर जाना हुआ और राजयोग और आध्यात्मिक ज्ञान से उनके जीवन में परिवर्तन आया। कार्यक्रम में आए हुए सभी डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ को इंदौर जोन की जोनल इंचार्ज ब्रह्माकुमारी आरती दीदी ने ईश्वरीय सौगात दी कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमारी आशा बहन ने किया और आभार प्रदर्शन प्रितेश शाह ने किया ।